28 मैं तुमसे सांची कैत आंव, कि मान्सन की सन्तान के सबरे पाप और निन्दा जौन बे करत आंय, माफ करी जै हैं।
और हेरो, शास्त्रियन में से कछु आपस में कहन लगे, जौ तो परमेसुर कौ ठठ्ठा करत आय।
जौन कोऊ मान्स के पूत के बिरोध में कोई बात कै है, ऊकौ पाप छिमा करो जै है, पर जौन कोऊ पवित्तर आत्मा की निन्दा कर है, ऊकौ पाप छिमा न करो जै है।
कोऊ अपने भईया हां ऐसो पाप करत तकै, जी पाप से नरक कुण्ड हां नईं जात तो ऊहां परलोक मिल है, कायसे पाप ऐसो सोई होत आय जीसे परलोक नईं मिलत, ऐसे पाप के लाने बिन्तवारी करबे हां मैं नईं कैत।