25 और अगर कोनऊं घर में मनमुटाव हो जाबै, तो ऊ घर कैसे टिकाऊ रह सकत आय?
परन्त जब ऊके भईयों ने तको कि हमाओ बाप हम सबरे भईयों सें ज्यादा ऊसें प्रीत रखत आय, तब बे ऊसें बैर रखन लगे और ऊके संगै ठीक सें बात भी नें करत हते।
और अगर कौनऊं राज्य में आपस में मनमुटाव हो जाए, तो ऊ राज्य कैसे टिकाऊ रह सकत आय?
और अगर शैतान अपनौ बिरोधी होकें अपनन में मनमुटाव कराबै, तो ऊ कैसे बनो रह सकत आय? ऊ को तो अन्त हो जात आय।
अकेले तुम एक दूजे हां दांत से काटत आव और फाड़बे हां फिरत आव, सूदे रओ, कि एक दूजे हां सत्यानास न कर देओ।
जिते जलन और बुराई होत आय, उते बखेड़ा और सब भांत कौ बुरओ काम होत आय।