1 और ऊ प्रार्थनाघर में फिन गओ; और उते एक मान्स हतो, जी कौ हाथ सूख गओ हतो।
और बे कफरनहूम में आए, और ऊ तुरतईं विश्राम के दिना सभा के घर में जाके उपदेस करन लगो।
सो ऊ पूरे गलील में उनकी सभाओं में जा जा के परचार करत रओ और बुरई आत्मन हां निकालत रओ।
ईसे मान्सन कौ बेटा विश्राम के दिना कौ भी मालिक आय।
इन में ऐसे बिलात जने (पानू के हिलबे की आस में) पड़े रहत हते, जौन बीमार, अन्धरे, लूले और सूखे अंग वाले हते।