2 लेकिन कैत हते, कि त्योहार के दिना नईं, कऊं ऐसो न होबै कि लोगन में बलवा मचै।
तुम जानत आव, कि दो दिना के बाद फसह कौ पर्व आ रओ आय; और मान्स कौ पूत क्रूस पे चढ़ाए जाबे के लाने पकड़वाओ जै है।
पर बे कहत हते, पर्व की बेरा नईं; कहूं ऐसो न होय कि लोगन में दंगा हो जाए।
जौ सुन के बड़े पुजारी और शास्त्री ऊ की हत्या करबे कौ मौका ढूंढ़न लगे; कायसे कि ऊसे डरात हते, ईसे कि सबरे मान्स ऊके उपदेस से चकित हो जात हते।
और अगर हम कहें, मान्सन कोद से तो मान्सन को डर आय, कायसे सब जानत आंय कि यूहन्ना सांचऊ में अगमवकता आय।
दो दिना बाद फसह और अखमीरी रोटी कौ त्योहार होबे वालो हतो: और बड़े पुजारी और धरम पंडित ई बात की तलाश में हते, कि ऊहां काय न छल से पकड़ के मार डालें।
जब यीशु बैतनिय्याह गांव में शिमौन नाओं एक कोढ़ी के घरै भोजन करबे बैठो हतो, तब एक बईयर संगमरमर के बासन में जटामांसी कौ बड़ौ कीमती शुद्ध इतर लेके आई; और बासन टोड़ के इतर ऊके मूंड़ पै उण्डेलो।
और जदि हम कएं, मान्सन कुदाऊं से, तो सबरे मान्स हम हां पथरा से मार डाल हैं, कायसे सबरे मान्स जानत हते, कि यूहन्ना आगमवकता हतो।
अखमीरी रोटी कौ त्योहार, जो फसह कौ त्योहार सोई कहात आय, ऐंगर हतो।
तब फरीसियन ने एक दूसरे से कई, सोचो तो सही कि तुम से कछु नईं बन पड़त, हेरो, जगत ऊके पाछें चल पड़ो आय।
तब भीड़ में से कछु ने जब इन बोलन हां सुनो तो कई, जौ सही में बो अगमवकता आय।