मिटाबे नईं, परन्त पूरो करबे आओ हों; कायसे मैं तुम से सांची कहत हों, कि जब लौ आकास और धरती टर न जाएं, तौ लौ व्यवस्था में से एकऊ चिन्न नईं टल है, जब लौ की सबई कछु पूरो न हो जाबै।
जब तुम उपास करौ, तो कपटियन घांई तुमाए मों पे उदासी नईं दिखै, कायसे बे अपनो मों बनाए रहत आंय, जीसे मान्स उन हां उपासो जानें; मैं तुम से सांची कहत आंव, कि बे अपनो फल पा चुके।
ई लाने जब तें दान पुन्न करे, तो अपने आंगू बाजे न बजवा, जैसो कपटी सभाओं और गैलों में करत आंय, जीसे लोगबाग उन की बड़वाई करें, मैं तुम से सांची सांची कैत आंव, कि बे अपनो फल पा चुके आंय।
जब तें बिन्तवाई करे, तो कपटियों जैसो न बन कायसे मान्सन हां दिखाबे के लाने सभाघरन और गैलों के मोड़ पे ठांड़े होकें बिन्तवाई करबो उन हां उमदा लगत आय; मैं तुम से सांची कैत आंव, कि बे अपनो फल पा चुके।
यीशु ने कओ, मैं तुमसे सांची कैत आंव, कि एैसो कोऊ नईंयां, जीने मोरे और भले संदेसे के लाने घर या भईयन हां या बहनन हां या महतारी-बाप हां या बाल-बच्चन हां या खेतन हां छोड़ दओ होबै।
और ऊ ने उन से कओ; मैं तुम से सांची कैत आंव, कि जौन इतै ठांड़े आंय, उन में से कैऊ ऐसे आंय, कि जब लौ परमेसुर के राज्य हां ताकत के संग्गै आओ भओ न तक लें, तौ लौ मौत को स्वाद बिल्कुल न चख हैं।
मैं तुम सब के बारे में नईं कहत, मैं उन हां जानत आंव जिन हां मैंने चुन लओ आय, पर जौ ई लाने भओ, कि पवित्र शास्त्र कौ बचन पूरो होबै, कि जौन मोरी रोटी खात हतो, ऊ ने मोरे ऊपर लात उठाई।
मैं तोसे सांची सांची कहत आंव, जब तें जुआन हतो, तो अपनी करयाई बांध के जिते चाहत हतो, उते फिरत हतो; पर जब तें बूढ़ो हुईये, तो अपने हाथ लम्बे कर है, और कोऊ दूसरो तोरी करयाई बांध है और जिते तें नईं चाहे उते तोय ले जै है।
ई लाने यीशु ने उन से कई, मैं तुम से सांची सांची कैत हों, कि पूत खुद कछु नईं कर सकत, केवल ओई जौन बो बाप हां करत हेरत आय, कायसे जौन कछु बाप करत आय, उनई कामन हां पूत भी ओई रीत से करत आय।