14 और ऊ जौन घर में जाबै, ऊ घर के मालिक से कईयो, गुरू कैत आय, कि मोरो पाहुंनौ कौ घर कौन सौ आय जीमें मैं अपने चेलन के संग्गै फसह खाओं?
और जब ऊ निकल के गैल में जात हतो, तो एक मान्स ऊके ऐंगर दौड़त भओ आओ, और ऊके आंगू टिंगरे धर के ऊसे पूछो, हे अच्छे गुरू, अनन्त जीवन कौ हक्कदार होबे के लाने मैं का करों?
अगर तुम से कोऊ जौ पूछे, जौ का करत आव? तो कईयो, कि प्रभु हां ईकौ प्रयोजन आय; और ऊ तुरतईं ऊहां इतै भेज दै है।
ऊ ने अपने चेलन में से दो चेलन हां जौ कै के भेजो, कि नगर में जाओ, और एक मान्स पानी कौ मटका उठाएं भए तुमें मिल है, ऊके पछाऊं हो लईयो।
ऊ तुमें एक सजी सजाई, और तईयार करी भई बड़ी अटारी दिखा दै है, उतै हमाए लाने तईयारी करौ।
और ऊ घर के मालक से कईयो, कि गुरु तोसे कैत आय; कि बो पाहुनशाला किते आय जीमें मैं अपने चेलन के संग्गै फसह खाओं?
जौ कहके बा चली गई, और अपनी बहिन मरियम हां टेर के चुपके से कई, गुरू इतईं आय, और तोय बुलात है।
तुम मोय गुरू और प्रभु कहत आव, तुम सही कहत आव, कायसे मैं ओई आंव।
सुनो, मैं तुमाए मन के द्वारे पै ठाड़ो खटखटात आंव; अगर तुम मोरे टेरबे हां सुनो और मन के किवाड़ खोलो, तो मैं तुमाए मन में आहों और अपन दोई संग्गै खै हैं।