ई लाने जब तें दान पुन्न करे, तो अपने आंगू बाजे न बजवा, जैसो कपटी सभाओं और गैलों में करत आंय, जीसे लोगबाग उन की बड़वाई करें, मैं तुम से सांची सांची कैत आंव, कि बे अपनो फल पा चुके आंय।
अखमीरी रोटी के त्योहार के पहले दिना, जी में लोग फसह परब की बलि चढ़ात हते, यीशु के चेलन ने ऊसे पूंछो, तें कहां चाहत आय, कि हम जाके तोरे लाने फसह परब कौ भोजन खाबे की तईयारी करें?
फसह के परब के पेंला यीशु ने जौ जानके, कि मोरी घड़ी आ पहुंची आय, कि मैं संसार हां छोड़ के बाप के ऐंगर जाओं, तो अपनों से जौन संसार में हते, जैसो प्रेम ऊ रखत हतो, उन से अन्त लौ वैसई प्रेम धरें रओ।