28 अंजीर के पेड़े से जौ पटतरौ सीखौ: जब ऊ की डरईयां मुलायम हो जात; और पत्ता निकलन लगत आंय, तो तुम जान लेत आव, कि गरमी कौ मौसम ऐंगर आय।
और गैल के मजारें एक अंजीर कौ पेड़ देख के ऊके ऐंगर गओ, पर पत्तन हां छोड़के कछु नईं मिलो तब ऊने कई, अब से तोमें कभऊं फल नईं लगें; अंजीर कौ पेड़ ओई घड़ी सूख गओ?
ऊ समयऊ अपने दूतन हां पोंचा के, धरती के ई छोर से आसमान के ऊ छोर लौ चारऊ दिसा से अपने चुने भए लोगन हां इकट्ठो कर है।
ऐई ढंग से जब तुम ई बातन हां होत तको, तो जान लेओ, कि ऊ ऐंगर आय, बल्कि दोरे पै आय।