12 और भईया हां भईया, और बाप हां बेटा हत्या के लाने सौंप हैं, और लड़काबाले महतारी-बाप के खिलाफ में उठके उने मरवा दै हैं।
भईया, भईया को और बाप अपने बच्चन हां, मार डालबे के लाने पकरवा दै हैं, और लरकावारे मताई-बाप के बिरोध में ठांड़े होकें उन हां मरवा डार हैं।
उन दिना में बिलात लोग ठोकर खा हैं, और एक दूसरे हां पकड़वा हैं, और एक दूसरे से बैर राख हैं।
जब बे तुमें लै जाके सौंप हैं, तो पेंला से चिन्ता न करियो, कि हम का कै हैं; पै जो कछु तुमें ओई घड़ी बताओ जाए, ओई कईयो; कायसे कि बोलबे वाले तुम नईंयां, बल्कि शुद्ध आत्मा आय।
और मोरे नाओं के कारन सब जने तुम से बैर कर हैं; पै जौन आखिरी लौ धीरज धरे रै है, ओई कौ उद्धार हुईये।
तुमाए मताई बाप भईया और नातेदार, और दोस्त सोई तुम हां पकड़वा हैं; इते लौ कि तुम में से केऊअन हां मरवा डाल हैं।