31 और दूसरी जा आय, कि तें अपने पड़ोसी से अपने बराबर प्रेम राखियो; ईसे बड़ी और कौनऊं आज्ञा नईंयां।
और ऐई तरहां दूसरी भी आय, कि तें अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम कर।
ई लाने जैसो तुम चाहत आव, कि मान्स तुमाए संग्गै करें, तुम सोई उन के संग्गै वैसई करो; कायसे पुराने नैम और आगमवकतन की जाई शिक्षा आय।
धरमपंडित बोलो; हे गुरू, भौत ठीक! तेंने सांची कई; कि ऊ एकई आय, और ऊहां छोड़ के और कोऊ नईंयां।
ऊ ने उत्तर दओ, कि तें पिरभु अपने परमेसुर से अपने सबरे हिये और अपने सबरे प्रान और अपनी सबरी बल सक्ति और अपनी सबरी बुद्धि से प्रेम रख; और अपने पड़ोसी से अपने जैसो प्रेम रख।
कायसे सबरो नैम एकई बात में पूरो होत आय, कि तें अपने पड़ोसवारे से अपनो जैसो प्रेम राख।
उनसे हम हां जा अग्यां मिली आय, कि जो कोनऊं परमेसुर से प्रेम धरें आय, ऊ अपने भईया से सोई प्रेम कर है।