18 फिन सदूकी धरम पंथियन ने भी, जौन कैत आंय कि मरे भयन कौ जी उठबो हैई नईंयां, ऊके ऐंगर आके ऊसे पूछो।
जौन जौ कैत आंय कि मरे भए जी उठे आंय बे सांची बातन हां नईं मानत, और कित्तई उन के बिसवास हां बिलोर देत आंय।