23 मैं तुम से सांची कैत आंव, कि जो कोऊ ई पहरवा से कैबे; कि तें उखड़ जा, और समुन्दर में गिर पड़, और अपने मन में संका न करै, बल्कि आभास करै, कि जो कछु कैत आंव ऊ हो जै है, तो ऊके लाने ओई हुईये।
ऊने उन से कई, अपने भरोसे की कमी से: कायसे मैं तुम से सांची कहत आंव, अगर तुमाओ भरोसा राई के दाने के बरोबर भी होबै, तो ई पहरवा से कै हौ, कि इते से हटके उते चलो जा, तो बो चलो जै है; और कोई बात तुमाए लाने अनहोनी न हुईये।
यीशु ने उन से कई, कि मैं तुम से सांची कहत आंव; कि अगर तुम भरोसा राखौ और शंका न करो; तो न केवल जौ कर हौ, जौन ई अंजीर के पेड़ के संग्गै करो गओ आय; वरन् ई पहरवा से कै हौ, कि उखड़ जा; और समुन्दर में चलो जा, तो जौ भी हो जै है।
और जदि मैं अगमवानी कर सकों, और सब भेदों और ज्ञान को समजों, और मोय इते लौ पक्को बिसवास होबे, कि मैं पहारवन हां हटा देओं, परन्त प्रेम न धरों, तो मैं कछु लौ नईंयां।