फिन बो उन से तनक आंगू बढ़ो और मों के बल गिरो, और जा बिनती करन लगो, ओ मोरे बाप, जदि हो सकत आय, तो जौ कटोरा मोय से टल जाबै; फिन भी मोरी नईं, पर तोरी मनसा पूरी होय।
ई भांत आत्मा सोई हमाई कमजोरी में सहायता करत आय, कायसे हम नईं जानत, कि बिन्तवाई कौन रीत से करो चईये; परन्त आत्मा खुद बड़ी पीड़ा से भर के जौन लेखी नईं जा सकत, हमाए लाने बिन्तवाई करत आय।