1 फिन यीशु उतै से उठके यहूदिया के सिवानों में और यरदन नदिया के पार आओ, और भीड़ ऊके ऐंगर फिन से जमा हो गई, और ऊ अपनी रीत के हिसाब से, उन हां फिन के उपदेस दैन लगो।
तब यीशु ने भीड़ से कई; का तुम तलवारें और लठियां लए मोय डाकू के समान पकड़बे आए आव? मैं रोजीना मन्दर में बैठ के सन्देसो दओ करत हतो, और तुम ने मोय नईं पकड़ो।
यीशु सबरे गलील में निंगत भओ उन के सभाघरन में सन्देस देत और राज्य कौ सन्देसो सुनाउत, और लोगन की हर एक बीमारियन हां और हर तरहां की कमजोरियन हां दूर करत रहो।
विश्राम के दिना ऊ प्रार्थनाघर में उपदेस करन लगो; और भौत से लोग सुनके अचम्भे में पड़ गए और कहन लगे, ईहां जे बातें कहां से आ गईं? और जौ कौन सौ ज्ञान आय जो ऊहां दओ गओ आय? और कैसे सामर्थ के काम ईके हाथन से दिखात आंय?
यीशु ने ऊसे कई, मैंने संसार में खुल के बातें करीं आंय; मैंने सदा प्रार्थनाघरन और मन्दर में जिते सब यहूदी जमा होत हते सीख दई आय, और मैंने लुक के कछु भी नईं कई।