41 ऊ ने ऊ पै तरस खाके हाथ बढ़ाओ, और ऊहां छूके कओ; मैं चाहत आंव कि तें साजौ हो जा।
तब यहोवा परमेसुर ने कई, “उजयारा हो,” तौ उजयारा हो गओ।
और भीड़ हां देख के ऊहां मान्सन पे तरस आओ, कायसे बे उन गाड़रन जैसे पीड़ित और उदास हतीं, जिन कौ कोऊ रखनवारो न होए।
और एक कोढ़ी ने ऊके ऐंगर आके, ऊसे बिनती करी, और ऊके सामने टिंगरे टिका के ऊसे कओ; अगर तें चाहे तो मोहां शुद्ध कर सकत आय।
और तुरतईं ऊ को कोढ़ जात रओ, और ऊ साजौ हो गओ।
तब ऊ ने उठके आंधी हां डांटो, और पानी से कओ; “शान्त रह, रुक जा”: और आंधी चलबो बन्द हो गई और खूब चैन हो गओ।
और बिटिया कौ हाथ पकड़ के ऊसे कओ, “तलीता कूमी”; जी कौ मतलब आय कि “ए बिटिया, मैं तोसे कैत आंव, उठ”।
ऊ ने निकल के भारी भीड़ तकी, और उनपै तरस खाओ, कायसे कि बे ऊ भेड़न कैसे हते, जिनकौ कोऊ रखवारौ न होबै, और ऊ उने भौत सी बातें सिखान लगो।
पुत्तर परमेसुर पिता की जस की जोत और उनके जैसो आय, और बेई अपने बल से धरती हां संभाले आंय: बे मान्सन के पापन हां धोके परमेसुर महान के दाएं हाथ पै जा बैठे।
ईसे ऊ हम जैसो बनबे आओ, कि बो परमेसुर के सामूं हमाए काजें एक दयालू और बिसवास धरबे लाक महायाजक होबै; कि बो मान्सन के पापन को भरना भरें।
पिरभू यीशु मसीह हमाई उन बातन हां जी में हम कच्चे आंय; उनहां जानत आंय, कायसे एक एक बात में उनकी परख भई, परन्त उन में कोई पाप नईं कड़ो।