बो अपने देस में आके लोगन हां उन के प्रार्थनाघरन में सन्देस देन लगो; और बे अचम्भित होकें कहन लगे; कि ई मान्स हां ऐसो ज्ञान और सक्ति के काम किते से मिले?
और हम ने बुरय कामन हां छोड़ दओ आय, और बनके नईं चलत, और न परमेसुर के बचन में कछु मिलात आंय, अकेले सांची बातें उजागर करत आंय, और परमेसुर हां जानत भए सबरन के हिये पै अपनी बात बैठा देत आंय।