18 यीशु ने जब अपने चारऊं कोद भीड़ हां तको तो ऊ पार जाबे कौ हुकुम दओ।
तब ऊने तुरतईं अपने चेलन हां नाव पे चढ़बे के लाने जबरंई करी, कि बे ऊसे पेंला ऊ पार जाबें, और खुद लोगन हां विदा करन लगो।
जब बो ऊ पहड़वा पे से उतरो, तो बिलात भीड़ ऊके पाछें हो लई।
ओई दिना जब दिन डूबन लगो और संजा भई, तो ऊ ने उनसे कओ; आओ, हम ऊ पार चलें।
जब यीशु फिन नाव से ऊ पार गओ, तो एक बड़ी भीड़ ऊके ऐंगर जमा हो गई; और ऊ झील के किनारे हतो।
तब ऊ ने तुरतईं अपने चेलन हां बिवश होकें नाव पै चढ़ाओ, कि बे ऊसे पेंला ऊ पार बैतसैदा हां चले जाबें, जब लौ ऊ लोगन हां विदा करे।
और ऊ उने छोड़ के फिन नाव पै चढ़ गओ और ऊ पार चलो गओ।
फिन एक दिना यीशु और ऊके चेला नाव पे चढ़े, और ऊ ने उन से कओ; चलो झील के ऊ पार चलें, सो उन ने नाव ढ़ील दई।
यीशु ने जानके कि बे मोय जबरजस्ती राजा बनाबे के लाने लै जाबो चाहत आंय, फिन अकेलो पहरवा पे चलो गओ।