27 और पानू बरसो, बाढ़ें आंईं, और आंधी चली, और ऊ घर से टकराईं, और बो गिर पड़ो और पूरो सत्यानास हो गओ।
और पानू बरसो बाढ़ें आईं, आंधी चलीं, और ऊ घर से टकराईं, परन्त बो नईं गिरो, कायसे ऊकी नी चट्टान पे डारी गई हती।
पर जो कोई मोरी इन बातन हां सुनत आय और ऊको पालन नईं करत, बो ऊ मूरख की घांई आय जीने अपनो घर रेता पे बनाओ।
जब यीशु जे बातन कह चुको, तो भीड़ ऊके सन्देसे से चकरया गई।
तो सबरे जन कौ काम उजागर हो जै है, कायसे ऊ दिना पता पड़ है; और बो आगी से उजागर हुईये: और आगी ई सबरे मान्सन कौ काम परख है।