26 पर जो कोई मोरी इन बातन हां सुनत आय और ऊको पालन नईं करत, बो ऊ मूरख की घांई आय जीने अपनो घर रेता पे बनाओ।
ई लाने जो कोऊ मोरी इन बातन हां सुनके ऊन हां मानत आय, बो ऊ होसियार मान्स की तरहां हुईये जीने अपनो घर चट्टान पे बनाओ।
और पानू बरसो बाढ़ें आईं, आंधी चलीं, और ऊ घर से टकराईं, परन्त बो नईं गिरो, कायसे ऊकी नी चट्टान पे डारी गई हती।
और पानू बरसो, बाढ़ें आंईं, और आंधी चली, और ऊ घर से टकराईं, और बो गिर पड़ो और पूरो सत्यानास हो गओ।
पर जौन सुन के नईं मानत, बो ऊ मान्स के समान आय, जीने माटी के बिना नी के घर बनाओ। जब ऊ पे पानू की धारा लगी, तो बो तुरतऊं गिर पड़ो, और सत्यानास हो गओ।
हे बेसमज मान्स, का तें जौ सोई नईं जानत, कि करम बिना बिसवास अकारथ आय?