20 ई लाने तुम उन के फलन से ऊहां चीन लै हौ।
जदि पेड़ हां उमदा कहो, तो ऊके फल हां सोऊ उमदा कहो; या पेड़ हां बुरओ कहो, तो ऊके फल हां सोऊ बुरओ कहो; कायसे पेड़ अपने फल से ही चीनो जात आय।
उन के फलन से तुम चीन लै हौ का झड़ियन से अंगूर, वा ऊंटकटारे से अंजीर तोड़त आंय?
हर एक पेड़ अपने फल से चीनो जात आय; कायसे मान्स झाड़ियन से अंजीर नईं तोड़त, और न झरबेरी से अंगूर तोड़त आय।
ई लाने मैं तुम से कैत आंव, इन मान्सन से बचे रओ और इन से कछु काम न राखो; कायसे के जदि जौ काम मान्सन कुदाऊं से होबे तब तो मिट जै है।
का पानू की झिर से एकई मों से मीठो और खारो पानू दोई कड़त आंय? हे मोरे भईया हरौ; का आम के पेड़ से बेर, या दाखन की बौल में निबुआ फल सकत आंय? ऊंसई खारे पानू की झिर से मीठो पानू नईं कड़ सकत।