परन्त कोई जनो जौ कै सकत आय कि तुमाए ऐंगर बिसवास आय, मोरे ऐंगर करम आय, तें अपनो बिसवास मोय करम बिना दिखा; मैं अपनो बिसवास अपने करमों के द्वारा तोहां दिखा हों।
का पानू की झिर से एकई मों से मीठो और खारो पानू दोई कड़त आंय? हे मोरे भईया हरौ; का आम के पेड़ से बेर, या दाखन की बौल में निबुआ फल सकत आंय? ऊंसई खारे पानू की झिर से मीठो पानू नईं कड़ सकत।