1 लांछन न लगाओ, जीसे तुम पे भी लांछन न लगाओ जाबै।
कायसे जी भांत तुम लांछन लगात आव, ओई भांत तुम पे भी लांछन लगाओ जै है; और जी हिसाब से तुम नापत आव, ओई हिसाब से तुमाए लाने सोई नापो जै है।
हे कपटी, पेंला अपनी आंखन कौ लठ्ठा काड़ ले, तब तें अपने भईया की आंख कौ तिनूका साजो हेर के काड़ सक है।
लांछन न लगाओ; तो तुम पे सोई लांछन न लगाओ जै है: अपराधी न ठैराओ, तो तुम सोई अपराधी न ठैराए जै हौ: छिमा करो, तो तुम हां सोई छिमा करो जै है।
तें अपने भाईया की आंख के तिनके हां काय तकत आय? और अपनी आंख कौ लट्ठा तोय नईं दिखात?
जब बे बेर बेर ऊसे पूछत रए, तो ऊ ने सूदे ठांड़े होकें उन से कई, तुम में से जीने कछु पाप नईं करो होबे, ओई सब से पेंला ऊहां पथरा मारे।
हे मोरे भईया हरौ, तुम में से बिलात जनें प्रवचन करबेवारे न बनें, कायसे तुम जानत आव, कि हम जौन प्रवचन करबेवारे आंय बिलात दण्ड के भागी हुईयें।