ई लाने जब तें दान पुन्न करे, तो अपने आंगू बाजे न बजवा, जैसो कपटी सभाओं और गैलों में करत आंय, जीसे लोगबाग उन की बड़वाई करें, मैं तुम से सांची सांची कैत आंव, कि बे अपनो फल पा चुके आंय।
और ऊसे कओ, देख, कोऊ से कछु न कईये, लेकिन जाके अपने आप हां पुजारी हां दिखा, और अपने साजे होबे के बारे में जो कछु मूसा ने ठैराओ ऊहां भेंट चढ़ा, कि उन पै गवाही होबे।