2 ई लाने जब तें दान पुन्न करे, तो अपने आंगू बाजे न बजवा, जैसो कपटी सभाओं और गैलों में करत आंय, जीसे लोगबाग उन की बड़वाई करें, मैं तुम से सांची सांची कैत आंव, कि बे अपनो फल पा चुके आंय।
मिटाबे नईं, परन्त पूरो करबे आओ हों; कायसे मैं तुम से सांची कहत हों, कि जब लौ आकास और धरती टर न जाएं, तौ लौ व्यवस्था में से एकऊ चिन्न नईं टल है, जब लौ की सबई कछु पूरो न हो जाबै।
जब तुम उपास करौ, तो कपटियन घांई तुमाए मों पे उदासी नईं दिखै, कायसे बे अपनो मों बनाए रहत आंय, जीसे मान्स उन हां उपासो जानें; मैं तुम से सांची कहत आंव, कि बे अपनो फल पा चुके।
जब तें बिन्तवाई करे, तो कपटियों जैसो न बन कायसे मान्सन हां दिखाबे के लाने सभाघरन और गैलों के मोड़ पे ठांड़े होकें बिन्तवाई करबो उन हां उमदा लगत आय; मैं तुम से सांची कैत आंव, कि बे अपनो फल पा चुके।
ऊ ने उनसे कओ; कि यशायाह ने तुम कपटियन के बारे में भौत ठीक अगमबानी करी, जैसो लिखो आय; कि जे लोग ओंठन से तो मोरी इज्जत करत आंय, पै उनकौ मन मोय से दूर रैत आय।
अपनो मालपानू बेच के दान में दे देओ; और अपने लाने ऐसे बटुए बना लेओ, जौन पुराने नईं होत, जाने के सरग पे ऐसो धन जोड़ो जौन घटत नईंयां और भड़या ऊके ऐंगर नईं जात, और कीड़ा नईं बिगाड़त।
शास्त्र पण्डतन से होसियार रओ, जौन हां लम्बे चोगा पैर के फिरबो साजो लगत आय, और जौन हां बजारों में नमस्कार और सभाओं में ऊंचो आसन और जेवनारों में खास जांगा साजी लगत आय।
और जब तें अपनी आंख कौ लट्ठा नईं तकत, तो अपने भईया से कौन भांत कै सकत आय, हे भईया, ठैर जा मैं तोरी आंख में से तिनका काड़ देओं? हे कपटी, पेंला तें अपनी आंख कौ लट्ठा काड़ ले, तब तें अपने भईया की आंख के तिनके हां काड़बे हां सई सई तक पा है।
यहूदा के ऐंगर रुपईयन कौ थैला रहत हतो, ई लाने कछु जा सोच रय हते, कि यीशु ऊसे कह रओ आय, कि परब के लाने जरूरी चीज बस्त हां मोल ले ले, या जा कि कंगालन हां कछु दै दे।
जदि कोऊ बोले, तो ऐसो बोले, कि मानो परमेसुर कौ बचन आय; जदि कोऊ सेवा करे, तो बो ऊ बल से करे जौन परमेसुर देत आय; जीसे सबरी बातन में यीशु मसीह के द्वारा परमेसुर की मईमा उजागर होबै मईमा और सबरी बल सकती जुग जुग ओई की आय। आमीन।