हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो तुम पे श्राप! कायसे तुम मान्सन के विरोध में सरग के राज्य कौ द्वार बन्द कर देत आव, तुम न तो खुद जात आव और न जाबे वारन हां भीतर जान देत आव।
जब तुम उपास करौ, तो कपटियन घांई तुमाए मों पे उदासी नईं दिखै, कायसे बे अपनो मों बनाए रहत आंय, जीसे मान्स उन हां उपासो जानें; मैं तुम से सांची कहत आंव, कि बे अपनो फल पा चुके।
इतने में जब हजारन की भीड़ लग गई, इते लौ कि बे एक दूसरे पे गिरे पड़त हते, तो यीशु सब से पेंला अपने चेलन से कैन लगो, फरीसियन के खमीर जाने के उन के कपट से होसियार रईयो।
यीशु ने उन से कओ; तुम तो मान्सन के सामूं अपने आप हां धरमी ठैरात आव: पर परमेसुर तुमाए हिया हां जानत आय, कायसे जौन बस्त मान्सन के लेखे जसवारी आय, बो परमेसुर के लेखे ओछी आय।
जौ तक के पतरस ने मान्सन से कओ; हे इस्राएलियो, तुम ई मान्स पे काय चकित होत आव, और हमाई कोद ई भांत काय तक रय आव, कि मानो हमईं ने अपने बल या भक्ति से ईहां निंगबे जोग बना दओ आय।