47 और जदि तुम अपने भईयन हां परनाम करत आव, तो कोऊ बड़ो काम नईं करत आव? का गैर जात भी ऐसई नईं करत?
जब तुम ऊ घर में पिड़ो, तो सान्ति की आसीष दईयो।
कायसे मैं तुम से कहत आंव, कि जब लौ तुमाओ धरम करम शास्त्रियन और फरीसियन के धरम करम से बढ़के न हुईये, तो तुम सरग के राज्य में कभऊं भीतरे नें जै पाहौ।
कायसे जदि तुम ऊसे प्रेम करत आव जौन तुम से प्रेम करत आय, तो तुम हां का फल मिल है? का चुंगी लेबेवाले भी ऐसई नईं करत?
ई लाने तुम सिद्ध बनो, जैसो कि तुमाओ स्वर्गीय बाप सिद्ध आय।
जदि तुम अपने प्रेम राखबे वारन के संग्गै प्रेम राखो, तो तुमाई का बड़वाई? कायसे पापी सोई अपने प्रेम राखबे वारन के संग्गै प्रेम राखत आंय।
प्यारे बैद्य लूका और देमास को नमस्कार पौंचे।
लौदीकिया वारन हां और नुमफास के घर में जुड़ के आराधना करबेवारन हां नमस्कार कईयो।
कायसे जदि तुम ने अधरम करके घूंसे खाए और गम्म खाई, तो ईमें का बड़वाई की बात आय? परन्त जदि साजो काम कर के पीड़ा झेलत आव और धीरज धरत आव, तो जौ परमेसुर हां साजो लगत है।