18 ऊ ने गलील की झील के किनारे निंगत भए ऊने दो भईयन हां शमौन जो पतरस कहाऊ त हतो, और ऊके भईया अन्द्रियास हां झील में जाल डारत तको; कायसे बे ढीमर हते।
बारह प्रेरितन के नाम जे आंय: पेंला शिमौन, जौन पतरस कहाऊ त आय, और ऊको भईया अन्द्रियास; जब्दी कौ पूत याकूब, और ऊको भईया यूहन्ना;
यीशु उते से निंग के, गलील की झील के तीरे गओ, और उते पहरवा पे चढ़के बैठ गओ।
मैं तोसे जौ सोई कहत हों, कि तें पतरस आय; और ऐई चट्टान पे मैं अपनी मंडली बना हों: और अधोलोक के फाटक ऊ पे प्रबल न हुईयें।
ऊने उन से कई, मोरे पाछें चले आओ, तो मैं तुमन हां मान्सन कौ पकड़बेवारो बना हों।
फिन ऊ सूर और सैदा के देशन से कड़ के दिकपुलिस देश से होत भओ, गलील की झील पै पोंचो।
और बे जे आंय शमौन जी कौ नाओं ऊ ने पतरस सोई धरो; और ऊको भईया अन्द्रियास और याकूब और यूहन्ना, फिलिप्पुस और बरतुलमै।
इन बातन के पाछें यीशु ने तिबिरियास झील के तीरे फिनअपने आप हां चेलन पे दरसाव और ई तरहां दरसाव।
इन बातन के पाछें यीशु गलील की झील तिबिरियास के ऊ पार चलो गओ।
ऊके चेलन में से शमौन पतरस के भईया अन्द्रियास ने ऊसे कई।