और गैल के मजारें एक अंजीर कौ पेड़ देख के ऊके ऐंगर गओ, पर पत्तन हां छोड़के कछु नईं मिलो तब ऊने कई, अब से तोमें कभऊं फल नईं लगें; अंजीर कौ पेड़ ओई घड़ी सूख गओ?
संभल के रहो, और जे बातें कहबेवारे की सुनो, जब मान्सन ने कैबेवारे की बात न मानी जौन सिय्योन पहरवा से बोलत हतो, तो का तुम उन की बात जौन सरग से बोलत आय बच पाहौ।