5 तब बो उन चांदी के सिक्कन हां मन्दर में फेंक के चलो गओ, और ऊने जाके फांसी लगा लई।
आखिरी में दो जन ने आके कई, ई मान्स ने कई आय; कि मैं परमेसुर के मन्दर हां नास करके ऊहां तीन दिना में फिन के बना सकत आंव।
तब महायाजकन ने उन सिक्कन हां लैके कई, इन हां मन्दर के खजाने में रखबो साजो नईंयां, कायसे जौ रकत कौ दाम आय।
और मान्स जकरयाह की बाट तकत रए और अचम्भा करन लगे कि ऊ ए मन्दर में ऐसी देर काय लगी?
तो याजकों की रीत अनसार ऊके नाओं पे चिठिया कड़ी, कि पिरभु के मन्दर में जाके धूप जलाए।