2 तब ऊने उन से कई, का तुम जे सब नईं हेरत? मैं तुम से सांची कैत हों, इते एक पत्थरा के ऊपरै दूसरो पत्थरा जुड़ो न रै है, जौन गिराओ न जै है।
और तोय और तोरे बच्चन हां जौन तो में आंय, माटी में मिला हैं, और तो में पत्थरा पे पत्थरा लौ न छोड़ हैं; कायसे तेंने ऊ मौका हां जब तो पे दया किरपा करी गई न चीनो।
जब जे सबई बस्तें, ई भांत से नास होबेवारी आंय, तो तुम हां पवित्तर चालचलन और भक्ती में कैसो जीवन गुजारो चईये।
और मोहां उते कोई मन्दर नईं दिखानो, कायसे महाबली पिरभू परमेसुर, और मेमना उतै के मन्दर आंय।