तब लूत ने कड़कें अपने दामादों हों, जिनके संगै ऊकी मोंड़ियों की पक्यात हो गई हती, समझा बुझाकें कई, “उठो, ई जागां सें कड़ चलो; कायसे यहोवा परमेसुर ई नगर हों नास करबे पै आय।” परन्त ऊ अपने दमादों की नजर में ठट्ठा करबेवारो जान पड़ो।
फिन ऊने दूसरे चाकर हां जौ कहके पठैव, नेवताहारियन से कईयो, हेरो; मैं भोजन तईयार कर चुको आंव, मोरे बैल और पले भए ढोर मारे गए आंय: और सब कछु तईयार आय; ब्याव के भोज में आओ।
तो हम ऐसे अच्छे तरन तारन के रस्ता हां जानके कैसे बचे जात आंय? पिरभू ने पेंला ईहां हमें बताओ, और जिन ने जो बचन सुनो और मानो ईसे हमें पक्को हो गओ कि जौ सांचो आय।
बे लालच में आके लबरी बातें बना हैं और तुम हां अपने फायदा कौ कारन बना हैं, दण्ड़ कौ हुकम जो उन पे पेंला से हो चुको आय, और ऊके आबे में देर नईंयां, उन कौ नास झट्टई होबेवारो आय।