9 और जो भीड़ ऊके आंगू-आंगू जा रई हती और बे भी जौन ऊके पाछें निंगत आत हते, चिल्ला चिल्ला के कह रए हते, दाऊद की सन्तान हां होशन्ना; धन्य आय बो जो पिरभू के नाओं से आत आय, आकास में होशन्ना।
पर जब महापुरोहितन और शास्त्रियन ने उन अचरज के कामन हां, जौन ऊने करे हते, हेरो और बच्चन हां जो मन्दर में चिल्ला रए हते दाऊद की सन्तान होशन्ना, तो बे गुस्सा भय और उन ने ऊसे कई, का तें सुनत आय कि जे का कै रए आंय?
हेरो, तुमाओ घर तुमाए लाने उजाड़ छोड़ो जात आय, और मैं तुम से कैत आंव, जब तग तुम न कै हौ, कि धन्न आय बो, जौन पिरभु के नाओं से आत आय, तब लौ तुम मोय फिन कभऊं न तक हौ।