हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो तुम पे श्राप! कायसे तुम मान्सन के विरोध में सरग के राज्य कौ द्वार बन्द कर देत आव, तुम न तो खुद जात आव और न जाबे वारन हां भीतर जान देत आव।
यीशु सबरे गलील में निंगत भओ उन के सभाघरन में सन्देस देत और राज्य कौ सन्देसो सुनाउत, और लोगन की हर एक बीमारियन हां और हर तरहां की कमजोरियन हां दूर करत रहो।