5 का तुम ने नैम की पोथी में नईं पढ़ो, कि याजक सब्त के दिना मन्दर में सब्त के नैम हां नईं मानत, फिन भी बरी माने जात आंय?
तब मैंने यहूदा के रईसों हों डांटकें कई, “तुमोंरें जा का बुराई करत आव, जो बिश्रामदिन हों असुद्ध करत आव?
ऊने तो परमेसुर के मन्दर में पिड़के, भेंट की रोटियां खाईं, जिन हां खाबो न तो ऊके लाने और न ऊके संगियन के लाने, पर केवल याजकन के लाने सही हतो।
पर मैं तुम से कैत आंव, कि इते बो आय, जौन मन्दर से भी बढ़के आय।