मैं तुम से सांची कहत आंव, कि नारियन में से जन्म लेबेवारन में, यूहन्ना बपतिस्मा देबेवारे से बड़ो कोऊ भी नईं भओ; फिन भी जौन सरग के राज्य मैं हल्के से हल्को आय बो ऊसे बड़ो आय।
(बे पानू के हिलबे की बाट हेरत हते, कायसे प्रभु के सरगदूत, कोई खास बेरा पे कुण्ड में उतर के पानू हां हिलात हते, पानू के हिलतई जौन भी पेंला उतर जात हतो, बो चाए कोई सी बीमारी से बीमार काय न होबै, साजो हो जात हतो।)
ऊ रोटी के लाने मेहनत नईं करो जौन नास हो जात आय, परन्त ऊ रोटी के लाने जौन अनन्त जीवन लौ बनी रहत आय, जीहां मान्स कौ पूत तुम हां दै है, कायसे बाप यानि परमेसुर ने ओई पे अपनी छाप लगाई आय।