30 तुमाए मूंड़ के बाल लौ गिने भए आंय।
तुमाए मूड़ के सबरे बाल सोई गिने भए आंय, सो डरो नईं, तुम बिलात गौरईयन से बढ़ के आव।
पर तुमाए मूड़ कौ एक बाल तक न गिर है।
ई लाने मैं तुम हां समझात आंव, की अपने प्राण बचाबे के लाने कछु खा लेओ, कायसे तुम में से कोऊ कौ बाल बांका न इुईये।