12 जब तुम ऊ घर में पिड़ो, तो सान्ति की आसीष दईयो।
जो कोऊ नगर या गांव में तुम पिड़ो, तो पूंछतांछ करियो कि उते कोऊ भलो जनो है? और विदा होबे लौ, ओई के इते रहियो।
जदि ऊ घर में लायक हुईयें तो तुमाई सान्ति उते बनी रै है, पर लायक न हुईयें तो सान्ति कौ तुमाओ सन्देस तुमाए ऐंगर लौट आ है।
जौन सन्देसो ऊ ने इस्राएलियन के ऐंगर पठैओ, जब ऊ ने यीशु मसीह के द्वारा (जौन सबई कौ पिरभु आय) सान्ति कौ भलो सन्देसो सुनाओ।
सो हम परमेसुर के कोती उनके राजदूत आंय; और परमेसुर हम में होकें बिन्तवारी करत आय: कि परमेसुर से जुड़ जाओ।
मोरी मन्सा आय कि झट्टई तुम लौ आओं तो अपन आमूं सामूं बतकाओ करबी; तुम साजे रओ। इते के भईया तुम हां नमस्कार कैत आंय; उते के सबरे भईयन हां मोरो नमस्कार कईयो।