52 और ऊ ने अपने आंगू दूत पठैए: बे सामरियन के एक गांव में गए, कि ऊके लाने जांगा तईयार करें।
इन बारह हां यीशु ने जौ हुकुम दैके पठैव कि अन्यजातियन के ऐंगर न जईयो, और न सामरियन के नगर में पिड़ियो।
इन बातन के पाछें पिरभु यीशु ने सत्तर मान्सन हां और नबेरो, और जौन जौन नगर और जांगा हां बो जाबे हां हतो, उते उन हां दो दो कर के अपने आंगू पठैओ।
तब एक सामरी यात्री उते आओ, ऊ यात्री ने ऊ ए तको और ऊ पे तरस खाओ।
और ऐसो भओ कि यीशु यरूशलेम हां जात भए सामरिया और गलील के मजारें से होकें जा रओ हतो।
और यीशु के गोड़न पे मों के बल गिर के, ऊकौ धन्नवाद करन लगो; और बो सामरी हतो।
जौ ओई आय, जीके बारे में लिखो आय, कि हेरो, मैं अपने दूत हां तोरे आंगू पठैत आंव, जौन तोरे आंगू गैल तईयार कर है।
और ऊहां सामरिया में होकें जाबो जरूरी हतो।
ई लाने बो सामरिया के सूखार नाओं के एक नगर में आओ, जौन ऊ जमीन के ऐंगर आय, जीहां याकूब ने अपने पूत यूसुफ हां दई हती।
ऊ सामरी बईयर ने ऊसे कई, तें यहूदी होकें मोय से पानू काय मांगत आय? (कायसे यहूदी सामरियन के संग्गै कोई तरहां को ब्यौहार नईं धरत)।
जा सुनके यहूदियन ने यीशु से कई; का हम सही नईं कहत, कि तें सामरी आय, और तो में दुष्ट आत्मा आय?