4 जौन कोऊ घर में तुम ठहरो, उतईं रओ; और उते से आखरी दिना कड़ो।
जो कोऊ नगर या गांव में तुम पिड़ो, तो पूंछतांछ करियो कि उते कोऊ भलो जनो है? और विदा होबे लौ, ओई के इते रहियो।
और ऊ ने उनसे कओ; जां कऊं तुम कौनऊं घर में उतरौ तो जब लौ उतै से विदा न होओ, तब लौ ओई में ठैरे रओ।
यीशु ने उन से कओ, जाती बेरा कछु न लईयो, न लठिया, न झोली, न रोटी, न पईसा टका, और न दो दो कुरता।
जौन कोऊ तुम हां न अपनाबे ऊ नगर से बायरें कड़त भए अपने गोड़न की धूरा झाड़ दईयो, कि उन पे गवाही होबै।
जब ऊ ने और ऊके घर बारन ने बपतिस्मा लओ, तो हम से बिनती करी, अगर तुम मोय परमेसुर की बिसवासिनी मानत आव, तो आके मोरे घरै ठहरो; और बा हमें मनाकर ले गई।