54 पर यीशु ने ऊकौ हाथ पकड़ो, और टेर के कओ, हे मौड़ी उठ!
पर जब भीड़ बायरें काड़ दई, तो यीशु भीतरै गओ और ऊने हाथ पकड़ के मोंड़ी हां उठाओ, और बा जी उठी।
तब ऊ ने ऐंगर जाके ऊकौ हाथ पकड़ के उठाओ; और ऊ को ताप ऊ पै से उतर गओ, और बा उनकी सेवा खुसामद करन लगी।
ऊ ओई अंधरा कौ हाथ पकड़ के ऊहां गांव से बाहर ले गओ, और ऊ की आंखन में थूक के ऊ पै हाथ धरे, और ऊसे पूछो; का तें कछु तकत आय?
लेकिन यीशु ने ऊकौ हाथ पकड़ के ऊहां उठाओ, और ऊ ठांड़ो हो गओ।
घर में आन के ऊ ने पतरस, याकूब और यूहन्ना हां छोड़ दूसरे और कोऊहां अपने संग्गै और मौड़ी के मताई-बाप हां छोड़ कोई और हां भीतर आन नईं दओ।
बे जौ जान के, बो मर गई आय, यीशु की हंसी करन लगे।
तब ऊके प्रान लौट आए और बा तुरतऊं उठ बैठी; फिन यीशु ने हुकम दओ, कि ऊ ए कछु खाबे हां दओ जाबै।
और जब बो जे बातें कह चुको, तो ऊ ने बिलात जोर से चिल्लाओ, कि हे लाजर कड़ आ।
कायसे जी तरहां बाप मरे भयन हां जिला देत आय, ऊं सई पूत जिन हां चाहत आय उन हां जिलात आय।
तब पतरस ने सबरन हां बायरें कर दओ, और घुटने टेक के बिन्तवाई करी; और लोथ कुदाऊं तक के कओ; हे तबीता उठ: तब ऊ ने अपनी आंखें खोल दईं; और पतरस हां तक के उठ बैठी।
(जैसो लिखो आय, मैंने तोय बिलात जातियन कौ बाप ठैराओ आय), ऊ परमेसुर के सामूं जीपे ऊ ने बिसवास करो हतो और जौन मरे भयन हां जिलात आय, और जौन बातें हैईं नईंयां, उन कौ नाओं ऐसो लेत आय, मानो बे आंय।