जब बो उन से जे बातें कैई रओ हतो, तो हेरो, प्रार्थनाघर कौ एक हाकिम आओ और ऊहां परनाम कर के कहन लगो, मोरी बिटिया अबई मरी आय; चल के अपनो हाथ ऊपे धर दे, तो बा जिन्दा हो जै है।
और ऊ घर के भीतर से उत्तर दे, कि मोय दुख न दे; अब तो किवाड़ बन्द हो गए आंय, और मोरे लरका बच्चा मोरे संग्गै बिछौने पे आंय, ई लाने मैं उठ के तोय नईं दे सकत।
यीशु उन के संग्गै सग्ंगै निंगो, और घर से तनकई दूर हतो, तो सूबेदार ने अपने प्रेमी जन हां जौ कैबे हां पठैओ, कि हे पिरभु दुख: न उठा, कायसे मैं ई जोग नईंयां, कि तें मोरी छत के नेचें आबै।