ईपे सब जनें अचम्भा करत भए आपस में बतकाव करन लगे कि जा का बात आय? जौ तो कोनऊं नओ उपदेस आए! ऊ अधिकार के संग्गै अशुद्ध आत्मन हां भी आज्ञा देत आय, और बे ऊ की आज्ञा मानत आंय।
यीशु उन के संग्गै सग्ंगै निंगो, और घर से तनकई दूर हतो, तो सूबेदार ने अपने प्रेमी जन हां जौ कैबे हां पठैओ, कि हे पिरभु दुख: न उठा, कायसे मैं ई जोग नईंयां, कि तें मोरी छत के नेचें आबै।
मैं सरकारी नौकर आंव; और सिपाई मोरे वस में आंय, मैं एक से कैत आंव, जा, तो ऊ जात आय; और दूजे से कैत आंव, आ, तो बो आत आय; और मैं अपने चाकर से कै त आंव जौ कर, तो बो ऊ करत आय।