6 यीशु उन के संग्गै सग्ंगै निंगो, और घर से तनकई दूर हतो, तो सूबेदार ने अपने प्रेमी जन हां जौ कैबे हां पठैओ, कि हे पिरभु दुख: न उठा, कायसे मैं ई जोग नईंयां, कि तें मोरी छत के नेचें आबै।
तेंने जो-जो काम अपनी दया और सच्चाई सें अपने दास के संगै करे आंय, कि मैं जो अपनी लठिया हों लैकें ई यरदन नदिया के पार उतर आओ, और अब मोरी दो टोली हो गई आंय; तोरे एैसे-एैसे कामों में सें मैं एक के भी जोग तौ नईं आंव।
मैं तुम हां पानू से मन फिराबे कौ बपतिस्मा देत आंव, पर जो मोरे बाद आबेवारो आय, बो मोय से बली आय; मैं ऊकी पनईयां उठाबे के लाक नईंयां, बो तुम हां पवित्र आत्मा और आगी से बपतिस्मा दै है।
परमेसुर ने कौन भांत से यीशु नासरी हां पवित्तर आत्मा और सामर्थ से भर दओ: बो भलाई करत, और सब हां जौन शैतान छलिया के सताए भए हते, साजो करत फिरो; कायसे परमसुर ऊके संग्गै हतो।