37 और हेरौ, ऊ नगर की एक पापिनी दुराचारी बईयर जौ जान के कि बो फरीसी के घर में भोजन करबे हां बिराजो आय, संगमरमर के बरतन में इत्र लेके आई।
इन दोई में से कीने बाप की मन की पूरी करी? उन ने कई, पेंला ने: यीशु ने उन से कई, मैं तुम से सांची कहत आंव, कि तुम से पेंला चुंगी लेबेवाले और बेड़नी परमेसुर के राज्य में जै हैं।
परन्त चुंगी लेबेवारे ने दूर ठांड़े होकें, सरग कुदाऊं आंख उठाओ भी नईं चाही, पर अपनी छाती पीट पीट के कओ; हे परमेसुर मोय पापी पे दया कर।
जौ तक के सबरे मान्स कुड़कुड़ा के कैन लगे, बो तो एक पापी मान्स के घरै जा उतरो आय।
ई पे धरम ज्ञानी और धरम शिक्षक ऊके चेलन से जौ कै कें कुड़कुड़न लगे, कि तुम चुंगी लेबेवालन और पापियन के संग्गै काय खात-पियत आव?
मैं धर्मियन हां नईं, पर पापियन हां हिया फेरबे के लाने बुलाबे हां आओ आंव।
मान्स कौ पूत खात-पियत आओ आय; और तुम कैत आव, तको, पेटू और पियक्कड़ मान्स, चुंगी लेबेवारों कौ और अधर्मियन कौ मीत।
फिन कोऊ फरीसी ने यीशु से बिन्तवाई करी, कि मोरे संग्गै भोजन कर; सो बो ऊ फरीसी के घरै जाके भोजन करबे हां बिराजो।
जा ओई मरियम हती जीने प्रभु पे इतर डालके ऊके गोड़न हां अपने बालों से पोंछो हतो, ओई कौ भईया लाजर बीमार हतो।
तब उन ने ऊ मान्स हां जौन अन्धरो हतो, दूसरी बेर टेरो और ऊसे पूंछी, परमेसुर की बड़ाई कर, हम जानत आंय, कि बौ मान्स पापी आय।
हम जानत आंय कि परमेसुर पापियन की नईं सुनत पर कोऊ परमेसुर कौ भक्त होबै, और ऊ की मनसा पर चलत आय, तो बो ऊ की सुनत आय।
परन्त परमेसुर हम पे अपने प्रेम की भलाई ई भांत से उजागर करत आय, कि जब हम पापी हते तबई मसीह हमाए लाने मरो।
जा बात सांची और सबरे जनें के मानबे जोग आय, कि यीशु मसीह पापियन को तरन तारन करबे हां ई संसार में आए, उन में सबसे बड़ो मैं आंव।
कायसे नैम अच्छे मान्स के लाने नईंयां, परन्त अधरमी जनें, जौन कछु नईं मानत उनके लाने भक्ति नईं करबेवारे, और अशुद्ध, मताई-बाप हां मारबेवारे, और हत्यारन के लाने आंय।
जदि धरमी जनो मुसकल से तारन पा है, तो बिना भक्तीवारे और अधरमी कौ का ठिकानो?