और जब तें अपनी आंख कौ लट्ठा नईं तकत, तो अपने भईया से कौन भांत कै सकत आय, हे भईया, ठैर जा मैं तोरी आंख में से तिनका काड़ देओं? हे कपटी, पेंला तें अपनी आंख कौ लट्ठा काड़ ले, तब तें अपने भईया की आंख के तिनके हां काड़बे हां सई सई तक पा है।
सो अब हे लांछन लगाबेवारे, तें कोनऊ काय न होबै; तो लौ कछु उत्तर नईयां! कायसे जौन बात में तें दूसरन पे लांछन लगात आय, ओई बात में अपने हां भी दोषी ठहरात आय, कायसे जैसो लांछन तें लगात आय, तें सोई ऊंसई काम करत आय।