39 कोनऊं मान्स पुरानो दाख कौ रस पीके नओ नईं पियो चाहत कायसे बो कैत आय, कि पुरानो ही साजो आय।
और जदि कोऊ तोपे नालिस कर के तोरो कुरता लेबो चाहे, तो ऊहां परदनिया सोई लै लेन दे।
पर नओ दाख कौ रस नई मश्कों में भरो चइये।
फिन सब्त के दिना बो खेतन में से होकें जा रओ हतो, और ऊके चेला बालें तोड़ तोड़के, और हांथन से मसल के खात जात हते।
संसार ने इन अच्छे मान्सन हां नईं चाहो, परन्त बिसवास से रए और मर गए, परन्त उन हां जौन बातें कई गईं हतीं बे न मिलीं।