फरीसी ठांड़ो होकें अपने हिये में जौ बिन्तवाई करन लगो, कि हे परमेसुर मैं तोरो धन्नवाद करत आंव, कि मैं और मान्सन घांई अन्धेर करबेवारो, अन्यायी और परत्रिया भोगी नईंयां, और न ई चुंगी लेबेवारे के घांई आंव।
एक दिना की बात आय कि यीशु उपदेश दे रओ हतो और कछु धरम ज्ञानी और धरम शिक्षक उते बिराजे हते, जौन गलील और यहूदिया के सबरे गांव और यरूशलेम से आए हते; और शुद्ध करबे हां पिरभु की सक्ति बल ऊके संग्गै हतो।
जौ हेर के, बो फरीसी जीने यीशु हां बुलाओ हतो, अपने हिये में विचार करन लगो, जदि जौ आगमवकता होतो तो जान जातो, कि जा जौन ऊहां छी रई आय, बो को और कैसी बईयर आय? कायसे बा तो पापिनी आय।
तब बड़ो हल्ला मचो और फरीसी झुण्ड के कछु शास्त्री उठ ठांड़े भए, और जोर जोर से बतकाव करन लगे, हम ई मान्स में कोऊ बुराई नईं दिखात; अगर कोई आत्मा या सरगदूत ने ईसे बतकाव करो आय तो फिन का?