“हे मोरे मोंड़ा सुलैमान! तें अपने बाप के यहोवा परमेसुर कौ ध्यान रख, और खरे हिया और खुसी सें ऊकी सेवा करत रै; कायसे यहोवा परमेसुर हिया हों जांचत और बिचार में जो कछु पैदा होत आय ऊहों समझत आय। जदि तें ऊकी खोज में रए, तौ ऊ तोहों मिलहै; परन्त तें ऊहों छोड़ दैहै तौ ऊ हमेसा के लाने तोहों छोड़ दैहै।
कायसे परमेसुर के बचन जीयत, और बली आंय, जैसी दोई तरपेवारी तलवार, उनके बचन से आत्मा और जीव, और एक एक गांठ हां तोड़त आय, जब लौ हिये में का आय जौ न जान लैबे।
जौन ऊ की बातें मानत आय उन हां सोई मार हों, कि मण्डली के जनें जौ जान लें हैं कि मान्सन के मन की बात मोहां पता आय। मैं तुम सब के करमन कौ बदला तुम हां दैहों।