40 संजा बेरा जिन जिन के इते केऊ भांत के रोगी पड़े हते, बे औरें उन हां यीशु के ऐंगर लै आए, और ऊने उन में से सबरन पे हांथ धर के उन हां साजो करो।
कि अंधरे हेरत आंय और लंगड़े निगत आंय; कोढ़ी शुद्ध करे जात आंय और बहिरे सुनत आंय, मुरदा जिलाए जात आंय; और कंगालन हां भलो सन्देसो सुनाओ जात आय।
जब यीशु ने जौ सुनो, तो बो उते से नाव पे चढ़के अकेलो कोऊ सूनी जांगह हां चलो गओ; जौ सुनके भीड़ के लोगबाग नगर नगर से पैदल ऊके पाछें हो लए।
कायसे कि ऊ ने मुतके मान्सन हां साजौ कर दओ हतो; ईसे जितने मान्स रोगी हते, बे ऊहां छूबे के लाने ऊ पै गिरे पड़त हते।
और ऊ ने जौ कह के भौतई बिनती करी, कि मोरी हलकी बिटिया मरबे पे आय: तें आके ऊ पै हाथ धर दे, कि बा ठीक होकें जिन्दा रैबे।
और ऊ उतै कौनऊं सामर्थ के काम न कर सको, केवल तनक से बीमारन पै हाथ धर के उने ठीक करो।
इते लौ की ऊके सरीर से छुए भए रूमाल और अंगोछा बीमारन पे डाल दए जात हते, और उन की बीमारियां दूर हो जात हतीं; और दुष्ट आत्माएं उन में से कड़ जात हतीं।
इते लौ कि मान्स रूगियन हां गैल में गोला पे लिया के, चारपाई और खटोलों पे पार देत हते, कि जब पतरस आबै, तो ऊ की छांई उन में से कोई पे पड़ जाबै।