जक्कई ने ठांड़े होकें पिरभु यीशु से कओ; हे पिरभु, तक, मैं अपनी आधी सम्पत्ति गरीब गुरवन हां देत आंव, और जदि कोऊ को कछु बेईमानी से लै लओ आय तो ऊ ए चौगुना फेर देत आंव।
ई लाने जब इतने सबरे जनों की गवाह हम जानत आंय, तो अब सबरी रोकबेवारी बस्तन और उलझाबेवारे पाप और बुरई बातन हां छोड़ के, जैसी दौड़ हम हां दौड़ने आय ऊहां संभल के दौड़ें।